Thursday, October 10, 2024

यूँ फ़ोन का खो जाना

गुडगाँव सदा से बहुत उजाड़ आत्माविहीन लगता है ! वहां रहने वाले मेरे मित्रों को मेरी इस 'समझ' से आपत्ति तो है पर मेरी अन्य सभी बदतमीजियों की तरह वे उसे झेलते है ! उस दिन गुडगाँव गया था एक अजीब से सिलसिले में ! लौटते वक्त सावित्री सिनेमा के पास पाया कि उस बे-मन के शहर ने मेरा फ़ोन चुरा लिया ! नया सिम लिया ! कोई नम्बर नहीं, sms नहीं - फ़ोन सपाट , contentless, गुडगाँव कि तरह - वो मुझे ताकता हुआ मैं उसे ताकता हुआ ! मोबाइल चोरो के लिए एक कानून होना चाहिए - फ़ोन नम्बर और sms owner को लौटाना होगा ! बहरहाल धीरे धीरे जिंदगी के तार फिर से जोड़ने शुरू किए ! कुछ दिन तो अछ्छा भी लगा जैसे किसी नए से शहर में आ गया हूँ ! पर बदहाल जिंदगी ने जल्दी ही अहसास करा दिया कि ये वही तुम हो ये शहर भी वही है ! निपटो !

.......अभी और लिखूंगा आगे पर बाद में